*एक इम्तिहान…,,*
*बिना इम्तिहान, एक सफर ज़िंदगी का कट गया ऐसे या वैसे, अंजाने ।*
*अब कयी इम्तिहान लेगी ज़िंदगी उनकी, *
*अनजान राहो में अपना साया बनाए रखना ।*
*ये इम्तिहान भी ना जाने किस जनम का बोज़ होता है !*
*ना ख़त्म होने वाला इंतज़ार, ना ख़त्म होनेवाला बोज नन्ने नन्ने हाथों में !*
*ज़िंदगी में छीचोरापन बनाए रखना, अपना जुनून जगाए रखना ।*
*कई मक़ाम आएँगे, विवशता के काले घने बादल छाएँगे ।*
*पढाई के साथ, आगे की एक बेहतरीन हसीन ज़िंदगी मुबारक*
*नन्नी नन्नी आँखो में उम्मीदों के दिये जलाए रखना, *
*कभी थकके रुख़ जाए वो गर, अपने नर्म उँगलियो का सहारा बनाए रखना*
*अनजान राहो में, अपना साया बनाए रखना।*
मुबारक *अंजाना*
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